दुःख का आना ही एक चुनौती है,जीवन में कोई भी ऐसा नहीं होगा ,जिसका जीवन में दुखों से पाला नहीं पडा होगा यह जानना सबके लिए आवश्यक है
दुःख के समय में अपने को कैसे सुद्रढ़ बनाएं रखें,भावनाओं को कैसे नियंत्रण में रखें,मन को कैसे सुव्यस्थित रखें
परिस्थितियों के अनुसार दुखों से लड़ना सीखें.यह सब जानने और सीखने के लिए अनुभवी और परिपक्व मनुष्य से सहायता एवं मार्गदर्शन लेना चाहिए
दुःख के समय उत्तेजित होने या घबराने से उनका निवारण नहीं हो सकता है.
दुःख के समय में अपने को कैसे सुद्रढ़ बनाएं रखें,भावनाओं को कैसे नियंत्रण में रखें,मन को कैसे सुव्यस्थित रखें
परिस्थितियों के अनुसार दुखों से लड़ना सीखें.यह सब जानने और सीखने के लिए अनुभवी और परिपक्व मनुष्य से सहायता एवं मार्गदर्शन लेना चाहिए
दुःख के समय उत्तेजित होने या घबराने से उनका निवारण नहीं हो सकता है.
14-03-2012
No comments:
Post a Comment