tag:blogger.com,1999:blog-44414935391513230512024-02-21T03:08:27.459+05:30चिंतन........निरंतर का.......मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comBlogger349125tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-70133664442049010512013-09-11T20:22:00.003+05:302013-09-11T20:22:26.709+05:30"निरंतर" की कलम से.....: गले मिलो ना मिलो देख कर मुस्काराया तो करो<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_11.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: गले मिलो ना मिलो देख कर मुस्काराया तो करो</a>: गले मिलो ना मिलो देख कर मुस्काराया तो करो हर छोटी बड़ी बात का फसाना मत बनाया करो नौक झोंक तो ज़िन्दगी में होती ही रहती है ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-55169675659264543792013-09-11T20:22:00.001+05:302013-09-11T20:22:11.537+05:30"निरंतर" की कलम से.....: दुखों का घडा विचित्र बहुत है<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_4202.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: दुखों का घडा विचित्र बहुत है</a>: दुखों का घडा विचित्र बहुत है बड़ा इतना कभी भरता नहीं है जिद्दी इतना कभी गिरता नहीं है मज़बूत इतना कभी टूटता नहीं आशा को...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-88441206012396707432013-09-11T20:21:00.005+05:302013-09-11T20:21:39.974+05:30"निरंतर" की कलम से.....: धूप बोली चांदनी से<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_4143.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: धूप बोली चांदनी से</a>: धूप बोली चांदनी से सदियों पुराने रिवाज़ से अब मुक्त हो जाओ तुम समझाओ चाँद को मैं समझाऊंगी सूरज को कभी मैं रात को छाऊँ कभी तु...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-4411025116064472582013-09-11T20:21:00.003+05:302013-09-11T20:21:23.632+05:30"निरंतर" की कलम से.....: अहम् के उन्माद में<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_9.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: अहम् के उन्माद में</a>: देवताओं ने भी नहीं सोचा होगा अहम् के उन्माद में मनुष्य धरती पर तांडव मचाएगा प्रक्रति के हर रंग को बदरंग कर देगा इर्ष्या द्वेष में...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-70891541496435813022013-09-11T20:21:00.001+05:302013-09-11T20:21:00.377+05:30"निरंतर" की कलम से.....: म्रत्यु भय<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_9333.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: म्रत्यु भय</a>: अंतिम समय निकट था पलंग पर लाचार पड़ा था इतना सह चुका था इतना थक चुका था ना भावनाएं मचल रही थीं ना जीने की इच्छा बची थी...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-69076935997980806002013-09-11T20:20:00.003+05:302013-09-11T20:20:41.404+05:30"निरंतर" की कलम से.....: दुखों को चौराहे पर मत टांगो<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_8.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: दुखों को चौराहे पर मत टांगो</a>: दुखों को चौराहे पर मत टांगो स्वयं को निर्बल मत दर्शाओ हर आता जाता व्यक्ति अपने सोच से गुण दोष निकालेगा कारण पूछेगा कोई सहानूभूत...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-13357311684435003352013-09-11T20:20:00.001+05:302013-09-11T20:20:21.199+05:30"निरंतर" की कलम से.....: समझना-समझाना<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_7011.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: समझना-समझाना</a>: समझने समझाने पर चर्चा मैं गुरु शिष्य को समझाने लगे जो इशारों में नहीं समझे उसे कम से कम शब्दों में समझाना चाहिए जो इससे भी नहीं सम...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-6283935482836295442013-09-07T10:24:00.001+05:302013-09-07T10:24:45.872+05:30"निरंतर" की कलम से.....: कथनी करनी में दिन रात का अंतर होता है<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_7.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: कथनी करनी में दिन रात का अंतर होता है</a>: सुन्दर सौम्य चेहरा बातें भी बहुत सुन्दर प्रेम व्यवहार संस्कारों की निश्छल मन सरल ह्रदय संबंधों को बनाये रखने की सहनशीलता धैर्य धीरज...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-36849552086219151012013-09-07T10:23:00.005+05:302013-09-07T10:23:39.701+05:30"निरंतर" की कलम से.....: सपनों को पकड़ने की चाह में<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_6501.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: सपनों को पकड़ने की चाह में</a>: आकाश की हर दिशा में उड़ते हुए छितराए हुए सपनों को पकड़ने की चाह में निरंतर दिशा बदल बदल कर जीवन भर उछलता रहा कभी ऊँगलिया सपनों...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-4180824574523095212013-09-07T10:23:00.003+05:302013-09-07T10:23:22.681+05:30"निरंतर" की कलम से.....: मेरी बात से चौंकना भी मत<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_6.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: मेरी बात से चौंकना भी मत</a>: मेरी बात से चौंकना भी मत मुझ पर अविश्वास भी मत करना मैं तुमसे प्रेम तो करता हूँ पर केवल तुमसे ही नहीं आधा तुम से आधा स्वयं से प्र...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-14390050802047951892013-09-07T10:23:00.001+05:302013-09-07T10:23:04.730+05:30"निरंतर" की कलम से.....: केवल आप कहने से कोई बड़ा नहीं हो जाता<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_6769.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: केवल आप कहने से कोई बड़ा नहीं हो जाता</a>: उम्र में छोटे एक मित्र को जब आप कह कर संबोधित किया मित्र कहने लगा कृपया आप मुझे आप कह कर संबोधित ना करें मैं आपसे उम्...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-85014610009694654612013-09-07T10:22:00.003+05:302013-09-07T10:22:44.380+05:30"निरंतर" की कलम से.....: शिक्षक दिवस पर कविता-केवल शिक्षक ही नहीं देता शिक्...<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_7026.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: शिक्षक दिवस पर कविता-केवल शिक्षक ही नहीं देता शिक्...</a>: (शिक्षक दिवस पर कविता) केवल शिक्षक ही नहीं देता शिक्षा स्कूल कॉलेज की चारदीवारियों में ही नहीं मिलती शिक्षा केवल शिक्षक ही नही...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-56899508375506802332013-09-07T10:22:00.001+05:302013-09-07T10:22:28.775+05:30"निरंतर" की कलम से.....: प्रशंसा करनी है तो मेरे मुंह पर नहीं<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_5.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: प्रशंसा करनी है तो मेरे मुंह पर नहीं</a>: प्रशंसा करनी है तो मेरे मुंह पर नहीं पीठ पीछे करो जितना लायक हूँ बस उतनी ही करो मुंह पर प्रशंसा से मुझे भ्रम रहता है प्रश...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-32603842316686269062013-09-04T17:31:00.001+05:302013-09-04T17:31:39.896+05:30"निरंतर" की कलम से.....: हार जीत अंतिम पड़ाव नहीं जीवन का<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_5157.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: हार जीत अंतिम पड़ाव नहीं जीवन का</a>: कोई जीत स्थायी नहीं होती कोई हार सदा हार नहीं रहती हार जीत अंतिम पड़ाव नहीं जीवन का जीवन कर्म प्रधान होता है विवेक पथ ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-86222469433113672912013-09-04T17:28:00.003+05:302013-09-04T17:28:20.642+05:30"निरंतर" की कलम से.....: कभी कभी मेरा चेतन मन भी अचेतन हो जाता है<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_1102.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: कभी कभी मेरा चेतन मन भी अचेतन हो जाता है</a>: कभी कभी मेरा चेतन मन भी अचेतन हो जाता है व्यक्तित्व के विपरीत अनिच्छा से इर्ष्या द्वेष काम क्रोध लालच के संसार में भ्रमण कराता ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-19243608477039184702013-09-04T17:28:00.001+05:302013-09-04T17:28:05.984+05:30"निरंतर" की कलम से.....: शब्द मात्र शब्द ही नहीं<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_1257.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: शब्द मात्र शब्द ही नहीं</a>: शब्द मात्र शब्द ही नहीं लेखकीय मन का आइना होते हैं पढने मात्र से ही मन के भाव उजागर कर देते हैं पढने वाले के मन में अनुभ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-28372764171141402472013-09-03T16:31:00.003+05:302013-09-03T16:31:58.971+05:30"निरंतर" की कलम से.....: मुझे कोई दुःख नहीं<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_3.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: मुझे कोई दुःख नहीं</a>: कितना दुर्भाग्य है मुझे कोई दुःख नहीं दूसरों का दुःख समझने का अनुभव नहीं खुशी का महत्व जानने का कोई साधन नहीं किस बात...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-34671317853717156172013-09-03T16:31:00.001+05:302013-09-03T16:31:32.531+05:30"निरंतर" की कलम से.....: वेदना का ना स्वर होता ना चेहरा<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_1565.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: वेदना का ना स्वर होता ना चेहरा</a>: वेदना का ना स्वर होता ना चेहरा ना ही देह होती ह्रदय में तीव्र रक्त संचार व्याकुल मन शुष्क कंठ आँखों में नमी विचार न...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-44598261620684797322013-09-01T23:11:00.001+05:302013-09-01T23:11:53.130+05:30"निरंतर" की कलम से.....: शब्दों का खेल<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_8762.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: शब्दों का खेल</a>: ना कविता में दर्द होता है ना कोई गीत दुःख से भरा होता है ना प्यार मोहब्बत किसी ग़ज़ल में होता ना किसी नज़्म में जुदाई बेवफ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-33050452967701225012013-09-01T23:08:00.001+05:302013-09-01T23:08:05.631+05:30"निरंतर" की कलम से.....: हरा हो कर पीला हो जाना जीवन की नियति है<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post_1.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: हरा हो कर पीला हो जाना जीवन की नियति है</a>: वृक्ष पर लगे पीले पत्ते से एक बूढ़े ने पूछ लिया बरसों हरा रहने के बाद वृक्ष पर झूमने के बाद पीलापन कैसा लगता है वृक्ष से टूट...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-37002366948771886892013-09-01T23:07:00.005+05:302013-09-01T23:07:50.072+05:30"निरंतर" की कलम से.....: ना पंडित ना पादरी हूँ<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/09/blog-post.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: ना पंडित ना पादरी हूँ</a>: ना पंडित ना पादरी हूँ ना मुल्ला ना ग्रंथि हूँ मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च में माथा टेकता हूँ प्रेम का अमृत चखता हूँ सब की इज्ज़...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-386724659307875152013-09-01T23:07:00.003+05:302013-09-01T23:07:31.248+05:30"निरंतर" की कलम से.....: छोटा सा कटाक्ष<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/08/blog-post_6372.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: छोटा सा कटाक्ष</a>: जुबान का फिसलना क़यामत ढाह गया छोटा सा कटाक्ष ह्रदय में शूल बन कर चुभ गया संवाद के अभाव में ज़ख्म बन गया मन पर अहम् का भ...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-77192930749641240522013-09-01T23:07:00.001+05:302013-09-01T23:07:16.189+05:30"निरंतर" की कलम से.....: करना भी होता है<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/08/blog-post_3772.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: करना भी होता है</a>: रात भर सोचता रहा अनभूतियों से भरी यादगार रचना लिखूं पाठकों के मन को झंझोड़ कर रख दूं सोचने पर मजबूर कर दूं रात गुजर गयी कलम हाथ म...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-13495007960633673612013-08-30T23:34:00.001+05:302013-08-30T23:34:11.932+05:30"निरंतर" की कलम से.....: कितना कुछ कह जाते हैं पत्ते<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/08/blog-post_7304.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: कितना कुछ कह जाते हैं पत्ते</a>: कोंपल से पत्ता बनने तक पत्ता बनने से झड़ने तक मूक रहते हैं सहते हैं, आंधी तूफ़ान गर्मी सर्दी से लड़ते हैं बसंत में झूम...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-4441493539151323051.post-15500378038420329582013-08-30T23:33:00.007+05:302013-08-30T23:33:59.517+05:30"निरंतर" की कलम से.....: अब तक तो<a href="http://www.nirantarajmer.com/2013/08/blog-post_3331.html?spref=bl">"निरंतर" की कलम से.....: अब तक तो</a>: अब तक तो इर्ष्या द्वेष के गाँव में जात पांत के कसबे धर्म के नगर में मन के राक्षसी राष्ट्र में जी लिए अब मन की खिड़की ह्रदय...Nirantarhttp://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com0