मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Tuesday, March 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास
निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास: जीवन एक विशालकाय कैनवास से कम नहीं चित्रकार परमात्मा का अमिट सृजन सुख दुःख , हँसी खुशी , विपदा , विलाप , दया , क्रोध प्यार , इर्ष्या द्वेष ...
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