मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Friday, February 10, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13: उम्मीद लोगों से उम्मीद नहीं करता हूँ नफरत का सामान इकट्ठा करने का शौक नहीं रखता हूँ ************* खुशी की चाह खुशी की चाह रखने से पहले खुश...
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