Friday, April 13, 2012

घमंड


घमंड मनुष्य के व्यक्तित्व का
अभिन्न अंग है
किसी में अधिक किसी में कम
पर इसका स्तर
व्यक्ति के सोच पर निर्भर है
दूसरों के प्रति असम्मान नहीं हो ,
किसी को व्यथित नहीं करे,
स्वयं को मानसिक,
शररीरिक हानी नहीं हो
तो थोड़ा घमंड
विशेष कर अगर सिद्धांत को 
लेकर हो
तो अनुचित नहीं मानता
कई बार सिद्धान्वादी 
लोगों को भी
लोग घमंडी कहते हैं
प्रभुता महत्त्व,और पद पा कर 
मनुष्य
अवश्य ही गौरव का अनुभव 
करता है,
कई बार वह घमंड की 
सीमा तक पहुँच जाता है,
पर उसका सीमांकन भी
आसान नहीं है,
उचित और अनुचित में
बहुत महीन रेखा होती है
13-04-2012

No comments: