मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Tuesday, April 3, 2012
निरंतर कह रहा .......: ये आवश्यक तो नहीं
निरंतर कह रहा .......: ये आवश्यक तो नहीं: ये आवश्यक तो नहीं हर पेड़ पत्तों से भरा हो हर पेड़ छाया प्रदान करे हर पेड़ पर कली खिले पुष्प बन कर सुगंध से महके क्या हम उस पेड़ को काट देत...
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