मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Monday, June 25, 2012
निरंतर कह रहा .......: इच्छाओं की कस्तूरी
निरंतर कह रहा .......: इच्छाओं की कस्तूरी: इच्छाओं की कस्तूरी मनमोहिनी सुगंध से मुझे निरंतर लुभाती संतुष्टी के पथ से डिगाने का निष्फल प्रयत्न करती मेरे संयम की बार बा...
No comments:
Post a Comment