Tuesday, December 20, 2011

सुनी सुनायी बातें

सुनी सुनायी बातों पर
विश्वास नहीं करें
किसी के कहने भर से ,
बिना अच्छी तरह से जाने
किसी व्यक्ति के बारे में
अपने विचार ना बनाएं ,
क्या पता किसी ने
किस उद्देश्य से
किसी के बारे में कुछ कहा
कहीं व्यक्तिगत
इर्ष्या,द्वेष या मित्रतावश
तो आपको व्यक्ति के बारे में
नहीं कहा गया ?
इस बात का भी ध्यान रखें ,
इस का
मतलब ये भी नहीं कि ,
जिसने भी कहा
उसे शक की द्रष्टि से देखें,
किसने कहा
उस का भी ख्याल करें
20-12-2011-50
डा राजेंद्र तेला,"निरंतर

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