मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Thursday, August 15, 2013
"निरंतर" की कलम से.....: सम्मान की दृष्टि
"निरंतर" की कलम से.....: सम्मान की दृष्टि: साधारण कुडता पयजामा पहन कर समारोह में चला गया देखते ही मित्र ने टोक दिया निरंतर कुछ तो अपनी प्रतिष्ठा का ख्याल करो इतनी साधारण व...
No comments:
Post a Comment