मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Monday, February 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा
निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा: मुझे पसंद आयी हो या नहीं आयी हो तुम्हारी हर बात का उत्तर देना आवश्यक नहीं अगर उत्तर पसंद नहीं आया तुमको पलट कर तुम भी कुछ कहोगे मुझको सिलस...
No comments:
Post a Comment